धारा -04. सामाजिक निर्योग्यताये लागू करने के लिए दण्ड :
जो कोई किसी व्यक्ति के विरुद्ध निम्लिखित के सम्बन्ध में कोई निर्योग्यता 'अस्पृश्यता' के आधार पर लागू करेगा वह कम से कम एक मास और अधिक से अधिक क्षह मास की अवधि के कारावास से और ऐसे जुर्माने से भी, जो कम से कम एक सौ रुपये और अधिक से अधिक पाँच सौ रुपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा -------
(i) किसी दुकान, लोक उपहारगृह, होटल या लोक मनोरंजन स्थान में प्रवेश करना अथवा
(ii) किसी लोक उपहारगृह, होटल, धर्मशाला, सराय या मुसाफिरखाने में, जनसाधारण या उसके किसी विभाग के व्यक्तियों के, जिसका वह व्यक्ति हो, उपयोग में रखने गए किन्ही बर्तनों या अन्य वस्तुओं का उपयोग करना, अथवा
(iii) कोई वृति करना या उपजीविका, या किसी काम में नियोजन, अथवा
(iv) ऐसे किसी नदी, जलधारा, जलस्त्रोत, कुएँ, तालाब, हॉज, पानी के नल या जल के अन्य स्थान का या किसे स्नान घाट का, कब्रिस्तान या श्मशान, स्वच्छता सम्बन्धी सुविधा, सड़क या रस्ते या लोक अभिगम के अन्य स्थान का, जिसका उपयोग करने के लिए या जिसमे प्रवेश करने के जनता के अन्य सदस्य, या उसके किसी विभग के व्यक्ति जिसका वह व्यक्ति हो, अधिकरवान हो, उपयोग करना या उसमे प्रवेश करना, अथवा
(v) राज्य निधियों से पूर्णतया या अंशत: पोषित पूर्व या लोक प्रयोजन के लिए उपयोग में लाये जाने वाले या जनसाधारण के या उसके किसी विभाग के लिए जाने वाले या जनसाधारण के या उसके किसी विभाग के व्यक्तियों के, जिसका वह व्यक्ति हो, उपयोग के लिए समर्पित स्थान का, उपयोग करना या उसमे प्रवेश करना अथवा
(vi) जनसाधारण के या उसके किसी विभाग के व्यक्तियों के, जिसका वह व्यक्ति हो, फायदे के लिए सुष्ट किसी पूर्त न्यास के अधीन किसी फायदे का उपयोग करना, अथवा
(vii) किसी सार्वजनिक सवारी का उपयोग करना या उसमे प्रवेश करना, अथवा
(viii) किसी भी परिक्षेत्र में, किसी निवास परिसर का सन्निर्माण, अर्जन या अधिभोग करना, अथवा
(ix) किसी ऐसी धर्मशाला, सराय या मुसाफिरखाने का, जो जनसाधारण या उसके किसी विभाग के व्यक्तियों के लिये, जिसका वह व्यक्ति हो, खुला हो, उपयोग ऐसे व्यक्ति के रूप में करना, अथवा
(x) किसी सामाजिक या धार्मिक रूढ़ि, प्रथा या कर्म का अनुपालन या किसी धार्मिक, सामाजिक या सांस्कृतिक जुलूस में भाग लेना या ऐसा जुलूस निकलना, अथवा
(xi) आभूषणों और अंलकारों का उपयोग करना
स्पष्टीकरण --
इस धारा के प्रयोजनों के लिए 'कोई निर्योग्यता लागू करना ' के अंतर्गत 'अस्पृश्यता' के आधार पर विभेद करना है।
व्याख्या:
धारा -04. सामाजिक निर्योग्यताये लागू करने के लिए दण्ड :
कम से कम एक मास का कारावास जो अधिकतम क्षह मास तक का हो सकेगा और जुरमाना जो 100 रुपये से कम नहीं किन्तु 500 रुपये तक हो सकेगा।
सामाजिक निर्योग्यताएँ ---
जो कोई व्यक्ति किसी अन्य के विरूद निम्न आधारों के सम्बन्ध में निर्योग्यता अस्पृश्यता के आधार पर लागू करेगा। वह उपरोक्त दण्ड के दण्डनीय होगा --
(i) किसी दुकान, लोक उपहारगृह (जलपान गृह), होटल या लोक मनोरंजन स्थान में प्रवेश करना।
(ii) किसी धर्मशाला या सराय में प्रवेश करना।
(iii) लोक उपयोग के लिए रखे किन्ही बर्तनों या अन्य वस्तुओँ का उपयोग करना।
(iv) कई वृति (कारोबार) करना या किसी नियोजन का काम करना।
(v) किसी नदी, जलधारा, कब्रस्तान, श्मशान, सड़क या मार्ग का उपयोग करना, जो जनता के प्रवेश के लिए हो।
(vi) राज्य निधियों से पूर्णत: या अंशत: पोषित पूर्त (चैरिटी) या खैरात या लोक प्रयोजन के लिए लाये जनेव वाले किसी स्थान का उपयोग करना।
(vii) किसी सार्वजानिक सवारी का उपयोग करना।
(viii)किसी क्षेत्र में निवास परिसर का निर्माण करना, अर्जन करना या अधिभोग करना।
(ix) किसी सामाजिक या धार्मिक रूढ़ि, प्रथा या किसी कार्य का अनुपालन या किसी धार्मिक, सामाजिक, जुलूस में भाग लेना या ऐसा जुलूस निकलना।
(x) आभूषणों व अलंकारों का उपयोग करना।
धारा -05. अस्पतालों आदि में व्यक्तियों को प्रवेश करने देने से इंकार करने के लिए दण्ड -
(क) किसी व्यक्ति को किसी अस्पताल, औषधालय, शिक्षा संस्था, या किसी क्षात्रवास में, यदि वह अस्पताल, औषधालय, शिक्षा - संस्था या क्षत्रावास, जनसाधारण या उसके किसी विभाग के फायदे के लिए स्थापित हो या चलाया जाता हो, प्रवेश करने देने से इंकार करेगा, अथवा
(ख) पूर्वोक्त संस्थाओं में से किसी में प्रवेश के पश्चात ऐसे व्यक्ति के विरूद्व कोई विभेदपूर्ण कार्य करेगा, वह कम से कम एक मास और अधिक से अधिक क्षह मास की अवधि के कारावास से और ऐसे जुर्माने से भी, जो कम से कम एक सौ रूपये और अधिक से अधिक पाँच सौ रूपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा।
व्याख्या:
धारा -05. अस्पतालों आदि में व्यक्तियों को प्रवेश करने से रोकने के लिए दण्ड -
दंड :
कम से कम एक माह का कारावास जो अधिकतम क्षह मास का हो सकेगा और जुर्माना जो 100 रूपये से कम नहीं होगा किन्तु 500 रूपये तक हो सकेगा।
जो कोइ अस्पृश्यता के आधार पर किसी व्यक्ति को अस्पताल, औषधालय, शिक्षा संस्था या किसी क्षात्रवास में जो जनसाधारण या उसके किसी विकास के लिए चलाया जाता हो, प्रवेश करने देने से इंकार करेगा, उपरोक्त दण्ड से दण्डनीय होगा।
नोट --
ऐसे किसी स्थान में प्रवेश करने के बाद विभेदपूर्ण आचरण करना, इस धारा के तहत दण्डनीय अपराध है।
धारा- 06 . माल बेचने या सेवा करने से इंकार के लिए दण्ड :
जो कोइ उसी समय और स्थान पर और वैसे ही निबंधनों और शर्तों पर, जिन पर कारबार के साधारण अनुक्रम में अन्य व्यक्तियों को ऐसा माल बेचा जाता है या उनकी सेवा की जाती है किसी व्यक्ति को कोई माल बेचने या उनकी सेवा करने से 'अस्पृश्यता' के आधार पर इंकार करेगा, वह कम से कम एक मास और अधिक से अधिक छह मास की अवधि के कारावास से और ऐसे जुर्माने से भी, जो कम से कम एक सौ रुपये और अधिक से अधिक पाँच सौ रुपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा। और आगे जाने अगले लेख मे
और अधिक जाने (Know more):
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें